ज्ञात हो कि ये धमकी महीनो पहले दी गई है,और कई इलाकों में उग्रवादी गैर मणिपुरी को वहा से प्रतारित कर भगा चुके है.
पलायन लगातार जरी है.लेकिन केंद्र सरकार कि समर्थक मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार के लिए ये सायद कोई गंभीरता का विषय नहीं है और दुर्भाग्य से मिडिया भी एसे मामलों को अपने फायदा का विषय न समझते हुए जनता तक नहीं पहुचाती.
लेकिन सामान्य सा लगने वाला ये समस्या पुरे देश के भौगोलिक परिदृश्य को कभी भी बदल कर रख देगी.क्यों कि ये उग्रवादी सामान्य जन से नहीं बल्कि भारत विरोधी देशो द्वारा समर्थित है,जिसका एक मात्र उद्येश्य भारत में ही भारत विरोधी गतिविधियों को जन्म देना होता है.ताकि भारत आतंरिक मामलों में ही उलझा रहे और बाह्यय आक्रमणों द्वारा इसे परास्त किया जा सके.
दुर्भाग्य से भारत सरकार जिन दो क्षेत्र पूर्वोत्तर व जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करती है वो सबसे असुरक्षित है.कारण स्पष्ट है कि अपनी उदार नीति और वोट को बचाए रखने के लालशा में एसे नीति बनते है.जिसका परिणाम उग्रवादियों को संरक्षण और जनता के भय के रूप में सामने आता है.
इस गंभीर समस्या पर सरकार को जल्द ही कोई ठोस कदम उठाना चाहिए और लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ (मिडिया) को भी अपने राष्ट्र भक्ति का परिचय देना चाहिए.नहीं तो भारत के न जाने और कितने टुकड़े होंगे.
राजीव पाठक
पूर्वोत्तर भारत (गुवाहाटी)
acha hai
जवाब देंहटाएंkya achha hai parivrajak ji. manipur chhod dena ya lekh?
जवाब देंहटाएंBest wishes Rajeev..
जवाब देंहटाएंKeep it up !!!
Nandan